पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

Follow Us

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध| पर्यावरण संरक्षण पर निबंध in Hindi | पर्यावरण संरक्षण पर निबंध 300, 500 तथा 1000 शब्दों मे |Essay on Environment conservation in hindi |

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध- 100, 500, 1000 शब्दों मे

पर्यावरण यानि ऐसा आवरण जो हमें चारों तरफ से ढंक कर रखता है, जो हमसे जुड़ा है और हम उससे जुड़े हैं और हम चाहें तो भी खुद को इससे अलग नहीं कर सकते हैं। प्रकृति और पर्यावरण एक दूसरे का अभिन्न हिस्सा हैं। कोई भी व्यक्ति या वस्तु चाहे वो सजीव हो या निर्जीव, पर्यावरण के अन्तर्गत ही आती है। पर्यावरण से हमें बहुत कुछ मिलता है, लेकिन बदले में हम क्या करते हैं? हम अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस पर्यावरण और इसकी अमूल्य संपदा का हनन करने पर तुले हैं।हमारे द्वारा की गई हर अच्छी और बुरी गतिविधि का असर पर्यावरण पर पड़ता है। इस प्रकृति पर मानव ही सबसे अधिक बुद्धिशील प्राणी माना जाता है।

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

अतः पर्यावरण के संरक्षण की जिम्मेदारी भी मनुष्य की ही है। आज हम पर्यावरण संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालकर समाज को इसके लिए जागृत करना चाहते हैं ।पर्यावरण अर्थात् जिस वातावरण में हम रहते हैं। हमारे आस-पास मौजूद हर एक चीज, जीव-जंतु, पक्षी, पेड़-पौधे, व्यक्ति इत्यादि सभी से मिलकर पर्यावरण की रचना होती है। हमारा इस पर्यावरण से घनिष्ठ संबंध है और हमेशा रहेगा। प्रकृति और पर्यावरण की अद्भुत सुंदरता देखते ही हृदय में खुशी और उत्साह का संचार होने लगता है।हरे भरे लहलहाते पेड़, आसमान में कलरव करते और चहचहाते पक्षी, जंगल में दौड़ते जीव जंतु, समन्दर में आती और जाती हुई लहरें, कल कल करके बहती हुई नदियां आदि जो मनोरम अहसास करवाते हैं, वो हमें अन्य कहीं से महसूस नहीं हो सकता ।

फिर भी ये अफ़सोस की बात है कि लोग आज भी इसके महत्व को समझ नहीं पाए हैं और इसे नुकसान पहुंचाते रहते हैं। वे यह नहीं जान पा रहे कि पर्यावरण की हानि करके वे अपने सर्वनाश को निमंत्रण दे रहे हैं।आज मानव नए-नए आविष्कार कर रहा है और खूब तरक्की कर रहा है, परन्तु उसका हर्जाना भुगत रहा है ये पर्यावरण और इसमें रहने वाले अबोध जीव। आज सभी को पर्यावरण और प्रकृति का संरक्षण करने के लिए जागरूक होना पड़ेगा, अन्यथा पर्यावरण के साथ सारी मानव जाति का भी विनाश हो जाएगा।

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध 500 शब्द

जैसे जैसे समय बीतता गया हमारी जरूरतें भी बढ़ती गई और इन जरूरतों को पूरा करने के लिए हम पर्यावरण के प्रति निर्दयता दिखाने लगे। हमने जनसंख्या वृद्धि पर पहले से रोक नहीं लगाई, जिससे लोगों को संसाधन कम पड़ने लगे और अत्यधिक रूप से पर्यावरण का विनाश होने लगा। गाँवों से लोग शहरों की ओर पलायन करने लगे, पेड़ पौधों और वनों का विनाश होने लगा, जीव जंतुओं को अपने फायदे के लिए मारा जाने लगा, हर तरफ प्रदूषण फैल गया। जिससे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुँचा।जिस प्रकृति ने हमें आश्रय दिया उसी को नष्ट करने पर तुल गए हम लोग और प्रकृति का संतुलन बिगड़ता चला गया। पर्यावरण प्रदूषण के बहुत से दुष्प्रभाव हैं जैसे अणु विस्फोट से रेडियोधर्मी पदार्थ निकलने से आनुवांशिक प्रभाव, ओजोन परत जो पराबैंगनी किरणों से रक्षा करती है उसका क्षरण, भूमि का कटाव, अत्यधिक ताप वृद्धि हवा-पानी- परिवेश प्रदूषित होना, पेड़-पौधों का विनाश, नए नए रोग उत्पन्न होना इत्यादि कई बुरे प्रभाव हैं।

अन्य पढ़ें –

Bihar board के विषयों का Solution

प्राचीन काल से ही पर्यावरण का बहुत महत्व रहा है, वास्तव में प्रकृति का संरक्षण ही उसका पूजन है। हमारे भारत में पर्वत, नदियाँ, वायु, आग, ग्रह नक्षत्र, पेड़ पौधे आदि सभी से मानवीय संबंध जोड़े गए हैं।वृक्षों को संतान स्वरूप और नदियों को मां स्वरूप माना गया है। हमारे ऋषि मुनियों को ज्ञात था कि मानव स्वभाव कैसा होता है, मानव अपने लालच में किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसलिए उन्होंने प्रकृति के साथ मानवीय सम्बन्धों को विकसित किया।वे जानते थे कि पर्यावरण ही पृथ्वी पर जीवन का आधार है। अतः उन्होंने अपने ग्रंथों में प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण की ही बात कही। वेदों में भी कहा गया है।

ॐ पूर्णभदः पूर्णामिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते ।

पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ।।

अर्थात् हमें प्रकृति से उतना ही ग्रहण करना चाहिए, जितना की आवश्यक है। प्रकृति को पूर्णता से नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। हमारी माता और दादी इसी भावना से बिना पौधों को नुकसान पहुंचाए तुलसी की पत्तियां तोड़ती हैं। कुछ ऐसा ही संदेश वेदों में भी दिया गया है।आज कोई भी पर्यावरण के संरक्षण का महत्व नहीं समझ रहा है। निरंतर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, जिससे सारी पृथ्वी प्रदूषित हो रही है और मानव सभ्यता का अंत होने को है। इन परिस्थितियों को देखते हुए सन् 1992 में ब्राजील में पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन भी किया गया।जिसमें 174 देश शामिल हुए। उसके बाद जोहान्सबर्ग में भी सन् 2002 में पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसके अन्तर्गत सारे देशों को पर्यावरण संरक्षण करने के लिए उपाय समझाए गए।

पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें सर्वप्रथम इस धरती को प्रदूषण रहित करना होगा। जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रदूषण भी बढ़ता ही जा रहा है, जिसे नियंत्रण में लाना आवश्यक है तभी हमारे पर्यावरण का संरक्षण हो पाएगा।मनुष्य दिन प्रतिदिन प्रगति करता जा रहा है और इस विकास के नाम पर प्रदूषण वृद्धि करता जा रहा है। ओजोन परत का क्षरण होने से धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है और ध्रुवों पर ग्लेशियर पिघल रहे हैं। । अतः पर्यावरण संरक्षण हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन जाता है।सन् 1986 में भारत की संसद ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक अधिनियम बनाया जिसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम कहते हैं।

जब मध्यप्रदेश स्थित भोपाल में गैस लीक की दुर्घटना हुई थी, तब इसे पारित किया गया था।यह बहुत बड़ी ओद्यौगिक दुर्घटना थी, जिसमें करीब 2,259 लोग वहीं मारे गए और 500,000 से ज्यादा व्यक्ति मिथाइल आइसोसाइनेट नामक गैस की चपेट में आ गए थे। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत पर्यावरण की सुरक्षा की ओर ध्यान देना, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के बारे में सोचना और पर्यावरण में सुधार लाने हेतु कानून बनाना था।पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। इसे रोकने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं।

फैक्ट्री और घरों से निकलने वाला गंदा पानी जो नदियों और समुद्र में निष्कासित किया जाता है उसे रोकना होगा। क्योंकि यही पानी पीने में, खेती बाड़ी में और दूसरे कार्यों में उपयोग में लाया जाता है। जिसके प्रदूषित होने से उपजाऊ ज़मीन भी धीरे धीरे बंजर हो जाती है और उस जमीन पर भी खाद्य पदार्थ उगाए जाते हैं, वह भी खाने पर शरीर को नुक़सान पहुंचाते हैं।वायु प्रदूषण से भी निरंतर पर्यावरण दूषित ही हो रहा है। हमें वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए घर में उपयोग लाए जाने वाले लेटेक्स पेंट का प्रयोग बंद करना होगा।पर्यावरण को सुरक्षित रखना उतना ही जरूरी है जितना हम अपने आप को रखते है। पर्यावरण से ही हमे वो सभी चीजे उपलब्ध होती है, जिसका इस्तेमाल करके आज मानव जीवित है और आराम और सुखदायी जीवन व्यतीत कर रहा है।

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध 1000 शब्द

पर्यावरण संरक्षण हमारा फर्ज है और इस जिम्मेदारी को हम सबको मिल कर निभाना चाहिए। हमे जितना हो सके उतना पर्यावरण को दूषित होने से बचाना चाहिए और प्रदूषण को रोकने के उपायों को अमल में लाना चाहिए।

Read More

Bihar Board Class 10th Sanskrit Book Solution कक्षा 10 संस्कृत पीयूषम् भाग 2 – SarkariCity

Bihar Board Class 12th Hindi Book Solution | कक्षा 12 हिन्दी दिगंत भाग 2

Related Posts

PM Awas Yojana 2024

PM Awas Yojana 2024 | ग्रामीण और शहरी इलाकों के 3 करोड़ लोगों को Pradhan Mantri Awas की लाभ

Bihar Deled Counselling 2024: Choice Filling, Online Registration, Merit List, Date & Notification

Bihar Deled Counselling 2024: Choice Filling, Online Registration, Merit List, Date & Notification

Bihar B.ED Admit Card 2024 जारी

Bihar B.ED Admit Card 2024 जारी – Download Now @biharcetbed-lnmu.in