DNA (डी०एन०ए०)अणु की रचना को वाट्सन तथा क्रिक नामक वैज्ञानिक ने सफलतापूर्वक दर्शाया जिसे डी०एन०ए० का वाट्सन व क्रिक मोडेल कहते हैं।
इसके अनुसार डी०एन०ए० अणु एक द्विकुण्डली रचना है जिसकी दो प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं—
(i) DNA अणु में दो पूरक पॉलिन्यूक्लियोटाइड शृंखलाएँ एक-दूसरे के प्रति समानांतर (antiparallel) एक उभयनिष्ठ अक्ष के चारों ओर सर्पिल रूप में कुंडलित होती है ।
(ii) प्रत्येक कड़ी में बाहर की ओर फॉस्फेट तथा डिऑक्सीराइबोस शर्करा एकांतार रूप से सजे होते हैं। यही फॉस्फेट एवं शर्करा कुंडली के मुख्य आलंब (main support) होते है ।
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