Bihar Board Classs 10th Sanskrit Solution Chapter 2 पाटलिपुत्रवैभवम् | 10th Sanskrit NCERT Solution | by SarkariCity

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Bihar board class 10th sanskrit solution | पीयूषम्  भाग 2 | 10th sanskrit solution chapter 2 |पाटलिपुत्रवैभवम् | BSEB SOLUTION

इस पेज पर आपको Bihar Board  कक्षा 10 के संस्कृत पुस्तक के chapter 2 पाटलिपुत्रवैभवम् का बोर्ड परीक्षा के दृष्टिकोण से लगभग सभी महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ एवं गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न, कहानी का अर्थ, समास, संधि-विच्छेद तथा अन्य कई उपयोगी चीजे पढ़ने को मिलेगी ।

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10th Sanskrit NCERT Solution

 

पाटलिपुत्रवैभवम् कहानी का अर्थ 

[बिहारराज्यस्य राजधानीनगरं पाटलिपुत्रं ……………………………………………… परिचयो वर्तते।]
 पटना का वैभव

अर्थ- बिहार राज्य की राजधानी पटना शहर सभी समयों में महत्वशाली रहा है। इसका इतिहास लगभग 2500 वर्षों का है। यहाँ धार्मिक स्थान, राजनीतिक स्थान और औद्योगिक स्थान विशेष रूप से आकर्षक हैं। विदेशी यात्री मेगास्थनीज, फाह्यान, हुयेनसांग, इत्सिंग आदि लोगों ने पटना का वर्णन अपने-अपने रचित ग्रन्थों में किया है। इस पाठ में पटना के वैभव का सामान्य परिचय है।


प्राचीनेषु भारतीयेषु ……………………………………………… काव्ये कथयति

अर्थ- प्राचीन भारतीय नगरों में अग्रणी पटना गंगा के किनारे बसी विचित्र महानगर है। इसके विषय में दामोदर गुप्त नामक कवि ने “कुटटनीमतरणी” काव्य में कहा है। 

 
“अस्ति महीतलतिलक ……………………………………………… परिभूतपुरन्दरस्थानम्॥ (पद्य सं0175) 

अर्थ- पृथ्वी का तिलक विद्वानों की निवास-स्थली पटना नाम का महानगर स्वर्ग से भी सुन्दर स्थान है।


इतिहासे श्रूयते ……………………………………………… सुतरां समृद्धम्।

अर्थ- इतिहास में सुना जाता है कि गंगा के किनारे बुद्धकाल में पाटलिपुत्र ग्राम स्थित था। जहाँ भगवान बुद्ध बहुत तपस्या करने के बाद आये थे। उनके द्वारा कहा गया था कि यह गाँव महानगर होगा। किन्तु आपसी झगड़ा, आगलगी और बाढ़ के भय से सदैव पीड़ित होता रहेगा। कालान्तर में पाटलिग्राम ही पटना कहा जाने लगा। चन्द्रगुप्त मौर्य के समय इस नगर की शोभा और रक्षा-व्यवस्था अत्यन्त उत्तम थी। यूनानी राजदूत मेगास्थनीज अपने पुस्तकों में लिखा है-इस नगर की शोभा देखने में प्रिय था। अशोक के समय में यह अधिक समृद्ध नगर था।

 

बहुकालं पाटलिपुत्रस्य ……………………………………………… ख्यातिमुपजग्मुः॥ 

अर्थ- बहुत समय तक पटना के प्राचीन सास्वती परम्परा चलती रही। यह राजशेखर ने अपने काव्यमीमांसा नामक कवि शिक्षा प्रमुख ग्रन्थ में आदर सहित स्मरण किया है। यहाँ उपवर्ष-वर्ष-पाणिनि-पिंगल, वररूचि पंतजली यहाँ अध्ययन कर ख्याति प्राप्त की थी।

 
कतिपयेषु प्राचीनसंस्कृतग्रन्थेषु ……………………………………………… समारोहः दृश्यते। 

अर्थ- कुछ प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में, पुराणों में पटना के नाम से अन्तर पुष्पपुर या कुसुमपुर पाया जाता है। इससे जानकारी होती है कि इस नगर के समीप फूलों का उत्पादन अधिक होता था। पाटलिपुत्र यह शब्द भी गुलाब फूलों की गुड़िया रचना लेकर प्रचलित हुआ। शरद् काल में इस नगर में कौमुदी महोत्सव नामक महान उत्सव गुप्तवंश के शासनकाल में बहुत प्रचलित था। उस अवसर पर सभी लोग आनन्दमग्न रहते थे। आजकल दुर्गा-पूजा के अवसर पर वैसा ही समारोह देखा जाता है।

 

कालचक्रवशात् यद्यपि ……………………………………………… अद्यापि पूज्यते। 

अर्थ- कालचक्र के वश में आकर जबकि मध्य काल में पटना हजारों वर्ष लगभग में जीर्ण-शीर्ण रूप में रहा। इसका संकेत साहित्य ग्रन्थ मुद्राराक्षस नामक नाटक आदि अनेको ग्रन्थों में मिलता है। मुगलवंश काल में इस नगर का उचित उद्धार हुआ। अंग्रेजी शासनकाल में पटना का खूब विकास हुआ। यह नगर मध्य काल में ही पटना के नाम से प्रसिद्ध हो गया। यह शब्द (पटना) पत्तन, शब्द से निकला है। नगर के पालन करने वाली देवी पटनदेवी आज भी पूजी जाती हैं।

 

सम्प्रति पाटलिपुत्रम् ………………………………………………
दर्शनार्थमायान्ति। 

अर्थ- आजकल पटना नगर बहुत विशाल और बिहार राज्य की राजधानी है। आये दिन नगर का विकास हो रहा है। इसके उत्तर दिशा में गंगा नदी बहती है। उसके (गंगा के) ऊपर एशिया महादेश का सबसे लम्बा पुल है। कई रेलपुल भी निर्माणाधीन हैं। इस नगर में सुन्दर संग्रहालय, उच्च न्यायालय, सचिवालय, गोलघर, तारामण्डल, जैविक उद्यान, मौर्यकालीन अवशेष, महावीर मंदिर इत्यादि देखने योग्य है। प्राचीन पटना नगर (पटनासिटी) में सिख सम्प्रदाय का पूजनीय स्थल दशम गुरु गोविन्द सिंह का जन्म-स्थल गुरुद्वारा इस नाम से प्रसिद्ध है। वहाँ इस देश के तीर्थयात्रीगण दर्शन के लिए आते हैं।

 

पाटलिपुत्रं प्राचीनकालात् ……………………………………………… नगरमिदं महत्वपूर्णम्।

अर्थ- इस प्रकार पटना प्राचीन काल से आजतक विभिन्न क्षेत्रों में वैभव धारण किया है। जिसमें पूँजीभूत रूप संग्रहालय देखने योग्य है। पर्यटन मानचित्र पर भी यह नगर महत्वपूर्ण है। –

 

शब्दार्थाः 

अन्यतमम् – एक ,
मही – पृथ्वी,
पुरन्दरः – इन्द्र,
बहुकृत्वा – बहुत तपस्या करके,
आगत: – आया ,
आक्रान्तम् – घिरा, 
उत्कृष्टा – अच्छी ,
सुतराम – बहुत,
प्रावर्तत् – लौटा,
नामान्तरम् – दूसरा नाम,
आश्रित्य – आश्रय लेकर,
अद्यावधिः – आजतक,
 

सन्धि-विच्छेदः

नगरेव्वन्यतमम्- नगरेषु + अन्यतमम्,
वसद्विचित्रम् – वसत् + विचित्रम्,
गंगायास्तीरे – गंगायाः + तीरे,
समागतः सम + आगतः,
कथितमासीत् – कथितम् + आसीत्, 
ग्रामोऽयम्- ग्रामः + अयम्, 
सर्वदाक्रान्तम् – सर्वदा + आक्रान्तम्, 
कालान्तरेण – काल + अन्तरेण, 
अत्युप्कृष्टासीदिति – अति + उत्कृष्टा + आसीत् + इति, 
सादरम् – स + आदरम्, 
अत्रोपवर्षवर्षाविद्द – अत्र + उपवर्षवर्षों + इद्द, 
पाणिनिपिड.गलाविद्द – पाणिनिपिड.गलौ + इद्द, 
ख्यातिमुपजग्मुः – ख्यातिम् + उपजग्मुः, 
नामान्तरम् – नाम + अन्तरम्, 
नगरस्यास्य – नगरस्य + अस्य, 
बहुलमुत्पादनम् –  बहुलम् + उत्पादनम्, 
पुष्पाश्रिताः – पुष्प + आश्रिताः, 
उत्सवाश्यच – उत्सवाः + च, 
नगरेऽस्मिन् – नगरे + अस्मिन्, 
पाटलिपुत्रमिति – पाटलिपुत्रम् + इति, 
शब्दोऽपि – शब्द: + अपि, 
पटनेति – पटना + इति, 
नगरमिदम् – नगरम् + इदम्, 
निर्गतः – निः + गतः, 
प्रसिद्धिमगात् – प्रसिद्धिम् + अगात्, 
चास्ति – चः + अस्ति, 
अस्योत्तरस्याम् – अस्य + उत्तरस्याम्, 
गाँधीसेतुर्नाम – गाँधीसेतुः + नाम, 
किञ्च – किम् + च, 
रेलयानसेतुरपि – रेलयान सेतुः + अपि, 
नगरेऽस्मिन् – नगरे + अस्मिन्, 
इत्येते – इति + एते, 
गुरुद्वारेति – गुरुद्वारा + इति, 
देशस्यास्य – देशस्य + अस्य, 
दर्शनार्थमायान्ति — दर्शनार्थम् + आयान्ति, 
अद्यावधि – अद्य + अवधि, 
दर्शनीयमिति – दर्शनीयम् + इति।
 

प्रकृति प्रत्यय विभागः 

समागतः — सम + आ + गम् + क्त, 
स्थितः – स्था + क्तः, 
उत्कृष्टा – उत् + कृष + क्त + टाप, 
निर्गतः – निः + गम् + क्त, 
पूजनीयम् – पूज्  + अनीयर, 
दर्शनीयम् – दृश : + अनीयर, 
आश्रित्य – आ + श्रि + ल्यप्।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (हिंदी में)

  • बिहार राज्य की राजधानी कौन नगर है ?- पटना नगर 
  • पटना नगर का इतिहास लगभग कितने वर्षो का है ?- 2500 
  • मेगास्थनीज, फाह्यान, हुयेनसांग, इत्सिंग आदि कौन है ?- विदेशी यात्री 
  • पटना नगर किस नदी के किनारे स्थित है ?- गंगा-नदी के 
  • कुट्टनीमताख्य काव्य किस कवि की रचना है ?- दामोदर गुप्त 
  • पृथ्वी का तिलक व विद्वानों का निवास स्थली कौन नगर है ?- पटना 
  • पटना नगर में कौन बहुतों बार आये थे ?- भगवान बुद्ध 
  • बुद्धकाल में पटना का क्या नाम था ?- पाटलि गाँव
  • पटना आने वाले यूनानी राजदूत कौन था ?- मेगास्थनीज
  • चन्द्रगुप्त मोर्य काल में पटना का शोभा व रक्षाव्यवस्था कैसी थी ?- अति उत्कृष्ट
  • मेगास्थनीज पटना किसके काल में आया था ?- चन्द्रगुप्त मोर्य काल में 
  • अशोक काल में पटना का वैभव कैसा था ?- सुन्दर व समृद्ध
  • काव्यमीमांसा ग्रन्थ कौन लिखा था ?- राजशेखर 
  • वर्ष, उपवर्ष, पाणिनि, पिंगल, व्याडि, वररुचि, पतंजलि आदि विद्वान कहाँ अध्ययन कर ख्याति प्राप्त की थी ?- पटना नगर में 
  • प्राचीन ग्रंथो या पुराणों में पटना के क्या नाम मिलते है ?- पुष्पपुर या कुसुमपुर 
  • किस नगर के समीप फूलों का उत्पादन अधिक होता था ?- पटना नगर 
  • पाटलिपुत्र नाम किस रचना पर प्रचलित हुआ ?- पाटलपुष्पों की पुत्तलिका 
  • कौमुदी महोत्सव यहाँ किस काल से प्रचलित है ?- गुप्तवंश शाषणकाल से 
  • कौमुदी महोत्सव यहाँ किस ऋतू में मनाया जाता है ?- शरत् ऋतू में 
  • पाटलिपुत्र पटना के नाम से कब प्रसिद्ध हुआ ? – मध्यकल से
  • मध्यकाल मे पटना लगभग कितने वर्ष तक जीर्ण-शीर्ण रहा ?- हजार 
  • किस काल में पटना का उचित उद्धार हुआ ?- मुगलवंश काल में  
  • किस काल में पटना का खूब विकास हुआ ?- अंग्रेजीशाषण काल में
  • पटना शब्द किस शब्द से निकला है ?- पत्तन शब्द से 
  • पटना नगर की पालिका देवी है ?- पटन देवी 
  • सिख धर्म के दशवें गुरु कौन थे ?- गोबिंद सिंह 
  • गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थल किस नगर में है ?- पटना नगर में 
  • प्राचीन पटना नगर में सिख धर्म के दशवें गुरु गोबिन्द सिंह का जन्म-स्थल किस नाम से जाना जाता है?- गुरुद्वारा के नाम से 

गैर- वस्तुनिष्ठ प्रश्न (संस्कृत में)

कुट्टनीमतारव्यं काव्यं कस्य कवेः रचना अस्ति? 
उत्तर:- कुटट्नीम तारण्यं काव्यं दामोदरस्य कवेः रचना अस्ति!
पाटलिपुत्रं कस्याः नद्याः तीरे अवस्थितमस्ति ? 
उत्तर:- पाटलिपुत्रं गंगायाः नदयाः तीरे अवस्थितमस्ति। 
 
चन्द्रगुप्तमौर्यस्य काले अस्य नगरस्य रक्षा व्यवस्था कीदृशी आसीत्?
उत्तर:- चन्द्रगुप्त मौर्यस्य काले अस्य नगरस्य रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्टा आसीत्।
 
राज्ञः अशोकस्य समये अस्य नगरस्य वैभवं कीदृशम् आसीत्? 
उत्तर:- राज्ञः अशोकस्य समये अस्य नगरस्य वैभवं सुतरां समृद्धम् आसीत् 
 
काव्यमीसांसा नामक ग्रन्थं कस्य रचना अस्ति? 
उत्तर:- काव्यमीमांसा नामक ग्रन्थं राजशेखरस्य रचना अस्ति। 
 
काव्यमीसांसा नामक ग्रन्थं कीदृशम् अस्ति? 
उत्तर:- काव्यमीमांसा नामक ग्रन्थं कविशिक्षा प्रमुखं अस्ति। 
 

गैर- वस्तुनिष्ठ प्रश्न (हिंदी में)

पटना नगर के वैभव को बताएँ ?
उत्तर:- पटना सभी कालों से महत्वपूर्ण नगर रहा है | इसका इतिहास लगभग 2500 वर्षो का है | यहाँ अनेकों महान विद्वान अध्ययन कर ख्याति प्राप्त की है |


दामोदर गुप्त कुट्टनीम ताख्य काव्य में पटना के बारे में क्या कहा है ?
उत्तर:- उन्होंने कहा कि पृथ्वी का तिलक, विद्वानों का निवास स्थल पटना नाम का यह महानगर स्वर्ग से भी सुन्दर है |
पटना के संबंध में भगवान बुद्ध ने क्या कहा था ?
उत्तर:- उन्होंने कहा था कि आगे चलकर यह पाटलिग्राम महानगर होगा | किन्तु आपसी झगड़ा, आगलगी और बाढ़ के भय से सदैव पीड़ित होता रहेगा |

राजशेखर काव्यमीमांसा काव्य में क्या कहा है ?
उत्तर:- राजशेखर अपने काव्यमीमांसा नामक कविशिक्षा प्रमुख में कहा कि पटना में वर्ष, उपवर्ष, पाणिनि, पिंगल, व्याडि, वररुचि, पतंजलि आदि विद्वान अध्ययन कर ख्याति प्राप्त की |

मेगास्थनीज कौन था और उन्होंने पटना के लिए क्या कहा ?
उत्तर:- मेगास्थनीज एक यूनानी राजदूत था तथा उन्होंने चन्द्रगुप्त मोर्य के शाषणकाल में आकर पटना के बारे में अपने पुस्तक में लिखा कि पटना की शोभा व रक्षाव्यवस्था इस समय अधिक उत्कृष्ट थी |

प्राचीन ग्रंथो या पुराणों में पटना के कौन से नाम मिलते है ?
उत्तर:- कुछ प्राचीन संस्कृत ग्रंथो या पुराणों में पटना के नाम पुष्पपुर या कुसुमपुर प्राप्त होते है |इससे जानकारी होती है कि इस नगर के समीप फूलों का उत्पादन अत्यधिक होता था |

सिख सम्प्रदाय के लिए पटना नगर महत्वपूर्ण क्यों है ?
उत्तर:- प्राचीन पटना नगर में सिख संप्रदाय के दशवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्म स्थल है, जो गुरुद्वारा के नाम से प्रसिद्ध है | यहाँ अनेको देश-विदेश के यात्रीगन दर्शन करने आते है | इन्ही विशेषता के कारण पटना सिख संप्रदाय के लिए महत्वपूर्ण का विषय बन गया है |
 

अन्य अध्याय (Other Chapters)

  1. Chapter 1 मंगलम
  2. Chapter 2 पाटलिपुत्रवैभवम
  3. Chapter 3 अलसकथा 
  4. Chapter 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः 
  5. Chapter 5 भारतमहिमा (भारत की महिमा)
  6. Chapter 6 भारतीयसंस्काराः (भारतीय संस्कार)
  7. Chapter 7 नीतिश्लोकाः (नीति के श्लोक)
  8. Chapter 8 कर्मवीर कथा 
  9. Chapter 9 स्वामी दयानन्दः
  10. Chapter 10 मन्दाकिनीवर्णनम् 
  11. Chapter 11 व्याघ्रपथिककथा
  12. Chapter 12 कर्णस्य दानवीरता 
  13. Chapter 13 विश्वशान्तिः
  14. Chapter 14 शास्त्रकाराः

BSEB Class 10th Hindi काव्य-खंड (पद्य) Solutions

Chapter :- 1 राम बिनु बिरथे जगि जनमा, जो नर दुख में दुख नहिं मानै
Chapter :- 2 प्रेम अयनि श्री राधिका, करील के कुंजन ऊपर वारौं
Chapter :- 3 अति सूधो सनेह को मारग है, मो अंसुवानिहिं लै बरसौ
Chapter :- 4 स्वदेशी
Chapter :- 5 भारतमाता
Chapter :- 6 जनतंत्र का जन्म
Chapter :- 7 हिरोशिमा
Chapter :- 8 एक वृक्ष की हत्या
Chapter :- 9 हमारी नींद
Chapter :- 10 अक्षर-ज्ञान
Chapter :- 11 लौटकर आऊँग फिर
Chapter :- 12 मेरे बिना तुम प्रभु

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